'मृत्युभोज रोकथाम विधेयक 1960 के जनक'
मालानी के लौहपुरुष मान्यवर 'रामदान जी चौधरी' जी कौन नही जानता, आप ने सन् 15मार्च1884में बाड़मेर के छोटे से गांव सरली में जाट (डउकिया) तेजाराम जी व माता दौली देवी के आंगन जन्म लिया। आपने सामंती काल में ही किसान वर्ग को शिक्षा से जोड़ने का अथक प्रयास ही ,उसे धरातल पर साकार कर दिखाया ,आपने रेगिस्तान के धोरों में भी घर घर शिक्षा रूपी दीप जला कर हर बालक को , शिक्षित कर ,गांव से लेकर देश दुनियां में अपनी अमिट छाप छोड़ी,आपने सर छोटू रामजी , व बल्देवराम मिर्धा जैसे संघर्षी लोगों संग मिल कर मरू माटी बाड़मेर में किसान बोर्डिंग नाम से निः शुल्क छात्रावास खोल कर, पिछड़े वर्ग को शिक्षा के पथ पर अग्रसर रखने का अहम कार्य किया । आप ने बहुत ही कठिन परिश्रम से मंजिल हासिल की,रेलवे विभाग , सिंध प्रांत जो वर्तमान पाकिस्तान में है से अपने जीवन की शुरुआत कर , स्वदेश भारत की राजनीति में भी अपनी मजबूत पकड़ कायम की ,आप राजस्थान के राजस्व मंत्री पद से भी सुशोभित हुऐ।और आजीवन सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ, व शिक्षा की अलख जगाने में आप के समान कोई और नाम आज तक जुड़ नही पाया। आज उनकी स्मृतिशेष पर ,आपको उनके संघर्षी जीवन की कुछ पंक्तियों से अवगत करवाता हु।
"स्व.चौधरी रामदान जी डऊकिया संघर्ष"
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*मालाणी री माटी ने झुक झुक करूं प्रणाम।*
*अनेकों रत्न है कोख में, अणगिणत है नाम ।।*
*सरली गांव चोखो घणों, बाढ़ाणों बड़भाग।*
*जाट तेजे तप किनो , दौली देवी शौभाग।।*
*सन् 1884में मार्च 15 सरताज।*
*रामदान जी डउकिया आंगण पधारे आज।।*
*सामंती रो डर घणों जद,राजाओं रो राज।*
*पण रामदान जी राज करण ने, आय बचावे लाज ।।*
*घोर गरीबी जद दिन लाचार। आप निकल्या रोटी री लार।।*
*सिंध शहर में आ बच्या काम जुगत री आश।*
*रेलवे री राह पकड़ी,बाबू बण गया खास।*
*रूगनाथ जी अर्ज करावे सुणलो रामदान।*
*आज विपत आन पड़ी आय बचालो मान।।*
*सन् 1957 में बने विधायक आप।*
*गांव गरीबी दूर करी, जद धोन खायो धाप।।*
*निडर मन नित ऊठ , ऊंचा पाले अरमान।*
*जोधोणों जग में सावो, जठे, भलो उगयो भोंण।।*
*बलदेव मिर्था बल देवे, हृदय सर छोटूराम।*
*अब तो रामदान जी, करें परमार्थ काम।।*
*नेकी पथ पर नेक मिले नेक है ज्यारा काज।*
*राम दान जी राह पकड़ ने , कुर्सी पकड़ी राज।।*
*शिक्षा अलख जगावण ने , घर घर फिरीया आप।*
*जाट बोर्डिंग जद बणयों , गांव गांव लियो नाप।।*
*कुरीति काटण खातिर, मृत्यु भोज लियो भून।*
*सन् 1960 में कड़क बणायो कानून।।*
*दियो संदेशों जग जीत रो, बाल पढ़ाओ सब।*
*अमीरी गरीबी छोड़ ने , एकण भोणे अब।।*
*मेघ निम्बा कट्टर पथ, बंद हो मृत्यु भोज।*
*नित उठ कर निमण करूं, रामदान जी ने रोज।।*
लेखक
✍️Nr bajad tapra
9636982549
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