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OBC आरक्षण:आरक्षण में संशोधन से ओबीसी पुरुष कोटे को नुकसान, सरकार के खिलाफ आज से बाड़मेर में आंदोलन की शुरूवात

किसी लोकतंत्र का मूल उद्देश्य सामाजिक न्याय स्थापित करना होता है । जिसमें किसी देश में रहने वाले गरीब , पिछड़ा वर्ग भी उस देश की मुख्य धारा का हिस्सा बन सके 


राजस्थान में OBC आरक्षण में हुई छेड़छाड को लेकर है जिसमें OBC वर्ग के अभ्यार्थियो को सरकारी भर्तीयो से बाहर होना पड़ रहा है,


आरक्षण में 2018 में किए गए संशोधन से ओबीसी वर्ग को नुकसान हो रहा है। कई भर्तियों में राजस्थान के टॉपर भी चयन से वंचित रह गए। अब आंदोलन की शुरूआत बाड़मेर से की है। सरकार से 2018 से पूर्व की आरक्षण व्यवस्था की मांग कर रहे है। या फिर आरक्षित वर्ग में से भूतपूर्व सैनिकों का कोटा खत्म कर अन आरक्षित 36% कोटे में से 12.5% काटा जाए। बाड़मेर जिला मुख्यालय पर सोमवार को विरोध और धरना-प्रदर्शन में हजारों लोग शरीक हुए।




इससे पहले में यह बात क्लीयर कर दूँ कि आरक्षण भीख नहीं है यह हमारा मौलिक अधिकार है ।


*संविधान के अनुच्छेद 46 कहता है कि राज्य के रहने वाले कमजोर वर्ग के शैक्षणिक और आर्थिक हितों का राज्य विशेष ध्यान रखेगा ये राज्य की जिम्मेदारी है

  -मौलिक अधिकार के अनु . 15 ( 4 ) मे शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का प्रावधान है जबकि पदो व सेवाओं मे आरक्षण का प्रावधान अनुच्छेद 16 ( 4 ) मे है, ये हमारे मूल अधिकार है जो भारतीय संविधान हमें देता है । 


•17 अप्रैल 2018 को राजस्थान कार्मिक विभाग की ओर से भूतपूर्व सैनिक अधिनियम में संशोधन किया गया जिससे लाखो OBC वर्ग के बेरोजगारे ) को नुकसान हुआ,

-OBC वर्ग का आरोप है कि इस संशोधन के बाद भर्तियो की मेरिट में आने के बाद भी उन्हें नियुक्ति सरकारी प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाता है आ रहे । पद 0 क बराबर



आइए समझते है क्या था वो सशोधन : 

संशोधन को समझने से पहले किसको कितना आरक्षण मिला है । 

OBC -  21%

SC  - 16%

ST - 12%

EWS - 10%

Ex . Se... . - 12.5%

Sports porsons - 2%


अब समझते है 2018 का संशोधन जिसने OBC वर्ग को बरबादी के रास्ते पर धकेल दिया ,

कार्मिक विभाग की ओर जारी तुगलकी फरमान के भूतपूर्व सैनिको को क्षैतिज यानी होरिजेन्टल आरक्षण मिलेगा इसका मतलब भूतपूर्व सैनिक जिस कैटेगरी का है उसका पद उसी कैटेगरी में से मिलेगा ।

इसके साथ ही भूतपूर्व सैनिको के लिए आरक्षित पदों में पिछली भर्ती का बैकलाग और वर्तमान पदो का 12.5% भी शामिल किया जाएगा |


इससे समस्या से उत्पन्न हुई कि राजस्थान में OBC जनसंख्या करीब 55 % है यानि कुल जनसंख्या के आधे से भी ज्यादा जनसंख्या OBC वर्ग की है । 


आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि जो भूतपूर्व सैनिक है वो 95 % OBC वर्ग के है और सरकारी मती की तैयारी करने वालों की जनसंख्या OBC वर्ग की सबसे ज्यादा है ।


सेकंड टॉपर लेकिन चयन नहीं हुआ

आरक्षण में भूतपूर्व सैनिकों के कोटे की मैरिट बनाने में 2018 में किए गए संशोधन के बाद ओबीसी मूल वर्ग के कोटे को भारी नुकसान हो रहा है। राजस्थान पुलिस भर्ती परीक्षा 2019 में योगेश यादव राजस्थान का सेकंड टॉपर था, जबकि उसका आरक्षण पदों के हिसाब से मैरिट बनी तो चयन ही नहीं हुआ।


किस भर्ती में ओबीसी पुरुष को कितना नुकसान-


भर्ती का नाम ओबीसी पु. पद चयन ओबीसी पु.

रा. पुलिस 2019 554 0

एलडीसी भर्ती 2018 1180 198

व. अध्यापक भर्ती 2018 630 75

पटवार भर्ती 2021 603 105

कृषि पर्यवेक्षक 2018 231 49


ये भर्तियां परिणाम शेष, ओबीसी पु. को नुकसान

भर्ती का नाम ओबीसी पु. पद चयन ओबीसी पु.

व. शिक्षक भर्ती 2022 1311 0

प्रयोगशाला स. 2022 111 0

पु. भर्ती 2021 326 0

वनरक्षक भर्ती 2020 122 0

ग्रा. विकास अ. 2021 667 102




उदाहरण के तौर पर- समझे आरक्षण का गणित 

1000 पदो पर भर्ती निकाली


OBC - 21% यानि 210 सीट (OBC) -


इसमें से 30% महिला पद - 210 का 30% = 63 पद


पिछे बची 147 पदो पर भर्ती


अब भूतपूर्व सैनिक - 12.5% + बेकलाग पद 

1000 का 15% = 150 ( OBC के 135 )

147-135= 12 ( इसमे Sports porsons व दिव्यांग)

 

वरिष्ठ अध्यापक Second Grade भर्ती 2022-


निष्कर्ष: - 1000 पद मे से मात्र शुन्य ( लगभग ) के आस पास OBC के पद , जिनके पढ़ने वालों की संख्या 60 %+ अधिक


* सबसे बड़ा रोड़ा है जिसने आयु मे छुट लेली उसको सामान्य श्रेणी से बाहर कर दिया जाता है । नंबर भले ही 100/100 हो


यह इसी तरह चलता रहा तो OBC वर्ग समाप्ति की कगार पर होगा

राजस्थान में अधिकतर देखे तो नेता लोग धर्म का झंडा उठाए फिर रहा है तो कोई जाति का झंडा उठाए फिर रहा है ।


इसलिए पिछले नहीं उठा रहा है 4 साल से OBC वर्ग के इस मामले को कोई नहीं उठा रहा है, कुछ लोगों को तो यह मामला समझ भी नही आया,


विद्यार्थी खुद को अब समझ आया है । जब अंतिम चयन से बाहर क्यों हुआ तब आकर मामला समझ आया अब बहुत वर्ग के अभ्यार्थी को खुद ही लड़ना पड़ेगा खुद को खड़ा होना पड़ेगा |


हम ( OBC ) किसी आरक्षण के खिलाफ नहीं है और नहीं किसी का विरोध करते हैं । हम भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण के खिलाफ नहीं है जो सरकार में संशोधन किया है को वापस ले ले हमारा 21% आरक्षण शुद्ध रूप से चाहिए 


आगे की राह:-  OBC वर्ग के हर सदस्य को यह समस्या बताए OBC वर्ग किसी जाति का आरक्षण नहीं है इसके 95+ जातियाँ शामिल है सभी अभ्यार्थी अपने जनप्रतिनिधि , सरपंच , प्रधान , विधायक , सांसद को यह समस्या बतावे जिससे मामला जल्दी से जल्दी हल हो सकें -


अपने प्रचार - प्रसार करने वालों से आग्रह है किसी से तु-ताउ में बात नहीं करे, किसी को गलत नहीं बोले वरना राजनीति के आड़ू के मामला दबा दिया जाएगा इससे अच्छा है सचेत होकर जागरूक करें 

~किशना राम (OBC)

~गोविंद कुमार (OBC)


*ज्यादा से ज्यादा सोशल मिडिया पर पोस्ट करे विडियो बनाएं , TV चैनलो वालों को बताएं , अखबार वालो को News दे ताकि मामला जल्द ही संज्ञान ले



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