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दुनिया के 8 ऐसे देश जिन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए अलग ही अनुठी पहल की है, पर्यावरण को बचाने के लिए भारत सरकार ने क्या पहल की है आइए जानते है

पर्यावरण को बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमी खूब मेहनत कर रहे हैं नए नए मिशन चला रहे हैं यदि धरती रहेगी तो आने वाली पीढियां भी रहेगी

#world environment day 2021 

दुनिया के  8 देश ऐसे हैं जो पर्यावरण बचाने की अनुठी पहल कर चुके हैं आइए जानते हैं वो आठ देश कोनसे और क्या है पर्यावरण बचाने की उनकी मुहिम .

आगे जानेंगे भारत ने पर्यावरण को बचाने के लिए क्या मुहिम चलाई हैंैै

1.ब्रिटेन:- ब्रिटेन ऐसा देश है जिसने पर्यावरण बचाने के लिए दुनिया में सबसे पहले कानून बनाया, ब्रिटेन और फ्रांस दुनिया के दो ऐसे देश हैं जिन्होंने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को शून्य पर लाने के लिए विशेष कानून बनाए हैं ब्रिटेन में जून 2019 में कानून बनाकर यह काम 2050 तक करने का लक्ष्य तय किया ऐसा करने वाला ब्रिटेन पहला G7 देश बना था इसके बाद फ्रांस में 2050 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के जीरो के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए कानून की घोषणा की



2. फिनलैंड:- फिनलैंड एक ऐसा देश है जिसमें पर्सनल कारें नहीं रखने का कानून बनाया है फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी सबसे स्वच्छ राजधानी हैं यहां 24 सौ मील साइकल लेन है 2025 तक पर्सनल कार खत्म करने का लक्ष्य रखा है इसकी जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम होगा, 1000 लोकल बस स्टॉप होंगे,टैक्सी की तरह बस पिकअप ड्रॉप सुविधा देगी ताकि पर्सनल कारों की जरूरत खत्म की जा सके

3. स्वीडन:- पूरे यूरोप महाद्वीप में सबसे कम उत्सर्जन दर स्वीडन की है 1990 के बाद से यहां उत्सर्जन में 20% की कमी आई है या सरकार ने 2003 में अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अलग नीति बनाई थी जिस पर अमल करते हुए अब यहां केवल 1% ही ठोस कचरा बचता है बाकी 99% कचरे को रीसाइकल किया जाता है यहां उसकी बायोगैस बनती है स्वीडन में पर्यावरण संरक्षण को राष्ट्रीय जिम्मेदारी माना गया है

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4. डेनमार्क:- डेनमार्क में 41% लोग साइकिलों से आवाजाही करते हैं 2025 तक इसे 50% करने का लक्ष्य है 50 साल पहले एक साइकिल पर तीन पेट्रोल वाहन थे, 2016 में साइकिल की संख्या कार से अधिक हो गई, डेनमार्क ग्रीन परिवहन प्रणाली तैयार कर रहा है जिसमें परिवहन जीवाश्म ईंधन मुक्त हो और भीड़भाड़ और वायु प्रदूषण भी कम होगा

5.नार्वे:- नॉर्वे की सरकार ने सबसे अलग ही पहल की है नॉर्वे की सरकार चाहती है कि 2025 तक देश में 100% इलेक्ट्रिक कारें ही बिके ,नॉर्वे ने इलेक्ट्रिक कारों को अपना लिया है  यहां 2017 तक बिकने वाली नई कारों में इलेक्ट्रॉनिक कारों और हाइब्रिड कारों की हिस्सेदारी आधी थी जो 2019 में बढ़कर 60% हो गई

6. फ्रांस:- फ्रांस में ज्यादा प्रदूषण करने वाली कारें जैसे एसयूवी पर टैक्स बढ़ा दिया है पहले से ही 184 g/km CO2 उत्सर्जन सीमा से अधिक प्रदूषण करने वाले वाहनों पर $14000 का भुगतान करना होता था अब बढ़ाकर $22240 करीब (16 लाख रुपए )कर दिया है

7. सिंगापुर:- सिंगापुर ने दुनिया में सबसे अलग पहल की है सिंगापुर की सरकार ने चाहा है हर इमारत ग्रीन टेक्नोलॉजी से बनेगी, सिंगापुर में 2008 में अनिवार्य किया गया था कि नई इमारतों को ग्रीन बिल्डिंग होगी 2030 तक सभी 80% इमारतों को ग्रीन करने का लक्ष्य है यानी इन इमारतों पर हरियाली ,सौर ऊर्जा ,वाटर रीचार्जिंग जैसी सुविधा होगी

8. पेरू:- पेरू देश ने पर्यावरण मामलों के लिए अलग कोर्ट बना दिया है दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र ने 2018 में अलग पर्यावरण कोर्ट बनाई है अवैध खनन ,वनों की कटाई, पर्यावरण क्षरण और वन्यजीवों की व्यापार की सुनवाई इस कोर्ट में होती है पहले वर्ष ही कोर्ट में 3000 मामलों की सुनवाई हुई

भारत ने भी पर्यावरण को बचाने के लिए कई सारे अधिनियम बनाए हैं पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 में बनाया गया था उसके बाद भारत में जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना सम्मेलन 2008 को किया गया था ,उसके बाद अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की शुरुआत वर्ष 2015 में भारत और फ्रांस ने  पेरिस जलवायु सम्मेलन के दौरान इसकी शुरुआत की थी

आश्चर्य की बात यह है कि भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान जिसने इस वर्ष यानी 2021 में विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की मेजबानी कर रहा है

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