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लोग विधायक हेमाराम जी चौधरी की तुलना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी से क्यों कर रहे, आइए जानते हैं

 आज दुनिया 21वीं सदीं में जीवन यापन, सघर्ष कर रही हैं भारत भी 21 वीं सदीं के साथ चल रहा है आज दुनिया मे हिंसा नामक चीज बहुत ज्यादा हवा में है आजकल ये हिंसा किसी भी विषय पर भङक सकती हैं जैसे:- धार्मिक मुद्दे पर,किसी समुदाय के खिलाफ, सरकारों के खिलाफ ,किसी से अपनी मांगे मनवाने के लिए भी हो सकती हैं क्या हिंसा किए बिना हम अपनी मांगे नहीं मनवा सकते हैं?यहां पर प्रश्नचिन्ह लग जाता हैं 

आजकल देश में अपनी मांगे मनवाने के लिए धरना प्रदर्शन, हिंसा, दंगा ,पुलिस से झङप आम बात हो गई


मोटे तौर देखा जाए तो हमने ब्रिटिश हुकूमत से आजादी भी बिना हिंसा से ली थी यानी अंहिसा के पथ पर चलकर भारत ने अपना संविधान लिखा था अंहिसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी इस विषय के सबसे बड़े नायक और नेता हुए 


ब्रिटिश शासन की सरकार, पुलिस और सेनाएं सभी अंहिसात्मक बन गई थी फिर भी महात्मा गांधी अंहिसा और सत्य के मार्ग पर चले उन्होंने दुनिया को दिखा दिया था कि भारत एक अंहिसा, सत्य के मार्ग पर चलने वाला देश हैं 


गांधी जी कहा करते थे "एक आंख के लिए दूसरी आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देगी "


आज ये बात मैं क्यों कर रहा हूँ आइए जानते है 


भारत के पश्चिमी भाग में राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र के गांधी कहे जाने वाले राजस्थान सरकार मे विधायक श्री हेमाराम चौधरी ने एक कंपनी के खिलाफ सत्याग्रह किया था जिसका परिणाम सकारात्मक निकला उन्होंने अंहिसा का उदाहरण पेश करते हुए कंपनी से अपनी मांगे मनवा ली 


यदि चौधरी जी चाहते तो अपने हजारों समर्थकों के साथ जा सकते थे वहां होने को कुछ भी हो सकता था क्योंकि हम तो अपने सकारात्मक भावना से प्रदर्शन करने जा रहे हैं वहीं बीच में असामाजिक तत्व घुसकर हिंसा करवा देते हैं, हेमाराम जी ने अकेले ही जाकर कंपनी के मुख्य गेट पर धरना दे दिया 



उनकी मांगे भी जब ब्रिटिश कंपनियां यहां पर बिजनेस करती थी और लाभ खुद के लोगों को होता था उस टाइम यहां के समाज सुधारक लोग उनके खिलाफ बोलते थे वहीं मांगे विधायक हेमाराम चौधरी ने कंपनी के सामने रखी 


चौधरी जी की मांगे -जिससे मुख्य मांग थी कि यदि कंपनी हमारे क्षेत्र और हमारी जमीन पर चला रहे हो तो यहां के स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलना चाहिए दुसरी मांग ये थी कि हमारे यहां कंपनी कई सालों से लगातार पेट्रोलियम पदार्थों के खनन के पश्चात अरबों रुपये का शुद्ध लाभ कमा रही हैं फिर भी स्थानीय सुविधाएं नहीं देती हैं इसलिए उन्होंने ग्रामीण चिकित्सा क्षेत्र मे सहयोग की मांग की थी 


उनका धरना तीन दिन तक चला था ,तीन दिन बाद उनकी सभी मांगे कंपनी ने मान ली थी कंपनी से चिकित्सकीय सुविधाओं में विस्तार, स्थानीय लोगों को रोजगार देने पर सहमति बनी 


धरने के दौरान उन्होंने अपने समर्थकों से भी धरना स्थल पर नहीं आने की अपील की थी क्योंकि फिलहाल कोरोना महामारी चल रही है इसलिए समर्थकों को अपने घरों में रहने के लिए हिदायत दी ,भीङभाङ से संक्रमण फैलने की आशंका है 


कंपनी से अपनी मांगे  मनवाने के बाद लोग विधायक हेमाराम चौधरी जी तुलना गांधी जी से कर रहे हैं वो भी अंहिसा के पथ पर चलकर अंग्रेजों से अपनी मांगे मनवाते थे और ये भी अंहिसा के पथ पर चलकर अपनी मांगे मनवा रहे हैं 


उनके धरना स्थल के फोटो शेयर कर गांधी जी के फोटो के साथ जोड़ रहे हैं गांधी जी कि तरह सादे कपड़ों में रहते हैं अपने देशी अंदाज को पहली प्राथमिकता देते हैं यही गांव का खाना खाते हैं 

समर्थक लिख रहे हैं"गांधीवाद हमेशा जीतता है आजादी से पहले भी और बाद भी "


हेमाराम चौधरी राजस्थान के जाने माने नेता कहलाते है वो राजस्थान सरकार मे छः बार विधानसभा सभा सदस्य भी रहे हैं एक बार राजस्व मंत्री भी रहे हैं वर्तमान में गुङामालानी क्षेत्र से विधायक हैं 

                                               -गोविंद जाणी 

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