Online learning |
कोविड-19 के वजह से ऑनलाइन क्लास से बच्चे पढ़ाई के प्रति उदासीन हो रहे हैं, स्कूल को लेकर बच्चों में उत्साह खत्म हो रहा है। सबकुछ ऑटोमोड में चल रहा है, आलस बढ़ गया है। 80% बच्चों का सोने-जागने, नहाने,खेलने का डेली रूटीन बिगड़ गया है, उन्हें ऑनलाइन क्लास के कारण घर बैठे आलसी बन रहे है, खासकर 8वीं तक के बच्चों में यह प्रवृत्ति ज्यादा है।
दूसरा शैक्षणिक सत्र शुरू हुआ, जिसमें ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है।
पिछले सत्र में बिना स्कूल गए सभी बच्चे अगली कक्षाओं में प्रमोट कर दिये गए।
बच्चों में स्कूल को लेकर उत्साह , मन नहीं है। कुछ बच्चे तो स्कूल जाना ही नहीं चाहते, उन्हें ये आरामतलबी होने लग गये है अनुशासन व आदर कमजोर हुआ।
टाइम टेबल का पालन, नियमित दिनचर्या में रहना-ये बातें पूरी तरह से बिगड़ गई हैं। बच्चे पुरे दिन घर पर रहने के कारण आलसी हो रहे हैं। बचपन के साल हमारे पूरे जीवन की नींव हैं, इस दौर में हमारी नींव ही कमजोर हो रही है।
परिणाम:- बच्चो के शरीर पर मस्तिष्क में असर पड़ता है। ऐसे में अभिभावकों और शिक्षकों की जिम्मेदारी बनती है , वे बच्चों की मन:स्थिति ठीक रखें, यदि इसमें बदलाव आ रहा है तो कड़ी प्रतिक्रिया न दें, ताकि बच्चों के मन और सेहत पर असर न पड़े ।
बच्चों के साथ खेलें, फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाने की कोशिश करें। कला, म्यूजिक, राइटिंग, पढाई, हंसी-मजाक , डांस, एक्टिंग जैसी हॉबी व गतिविधियों को बढ़ावा दें।
0 टिप्पणियाँ