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आखिर ये नक्सली कोन हैं , जो हमारी भारतीय सेना पर हमला करते हैं ,आइए जानते हैं

 आज हमारा भारत वर्ष कई समस्याओं से जुझ रहा है आतंकवाद,  नक्सलवाद जैसी बङी समस्याओं से परेशान हैं आए दिन हमारे सैनिक शहीद हो रहे हैं ये हालात अचानक पैदा नहीं होते हैं धीरे धीरे करके इनकी जङे इतनी मजबूत हो जाती है फिर ये अपने चरम सीमा पर पहुंच जाते हैं आज इस आर्टिकल मे हम नक्सवाद कि बात करेंगे? ये नक्सलवाद क्या है? ये नक्सलवाद कैसे  उत्पन्न हुआ ? क्या ये नक्सलवाद समाप्त हो सकता है ? चलिए जानते हैं नक्सलवाद क्या है



छत्तीसगढ़ बीजापूर नक्सली हमला 

सबसे पहले तो कल हुए छत्तीसगढ़ के बीजापुर मे नक्सली हमले मे 22 जवान शहीद हुए इनको भावभीनी श्रद्धांजलि

नक्सलवाद क्या है-
नक्सलवाद शब्द की शुरुआत पश्चिम बंगाल के नक्सलवाङी गांव से हुई थी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी नेता चारु मजुमदार और कानू सान्याल ने 1969  मे सरकार के खिलाफ एक सशस्त्र आदोलन शुरु किया , सन् 1969 मे पहली बार चारु माजुमदार और कानू सान्याल ने भूमि अधिग्रहण को लेकर पूरे देश में सत्ता के खिलाफ एक लङाई शुरू कर दी ,भूमि अधिग्रहण को लेकर देश में पहली बार आवाज नक्सलवाङी से ही उठी थी इन आदोंलनोकारी नेताओं का मानना था कि 'जमीन उसी की हो जो उस पर खेती करता है' नक्सलवाङी से शुरू हुआ आदोंलन का रूख ऐसे बदला कि 1977 मे बंगाल में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार बनी और ज्योति बसु मुख्यमंत्री बने
भूमि अधिग्रहण के लिए शुरू हुआ ये आदोंलन कुछ सालों के बाद इसमें राजनीति का वर्चस्व बढ़ने लगा और आदोंलन जल्द ही अपने मुद्दों से भटक गया जब ये आदोंलन फैलता हुआ बिहार पहुंचा तब पुरी तरह से भटक गया तब यह जमीनी लङाई नहीं रहकर एक जातीय वर्ग की लङाई मे बदल गया ,यहां से असली खेल शुरू होता है उच्च वर्ग और निम्न वर्ग के बीच उग्र सघर्ष जिससे नक्सल आन्दोलन ने देश में नया रूप धारण किया इन नक्सलवादियो को माओवादी भी कहते हैं क्योंकि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी नेता माओत्से तुंग कि विचारधारा पर ये काम करते थे इसलिए इनकों माओवादी नाम से भी जानते हैं  माओवादियों की सबसे बड़ी सेना श्रीराम सेना थी
इससे पहले 1972 मे ये आदोंलन हिसंक होने के कारण नेता चारू मजुमदार को गिरफ्तार कर लिया गया और  10 दिन के लिए जेल भेजा गया और इनकी जेल में ही मौत हो गई ,दुसरे कद्दावर नेता कानू सान्याल ने आदोलन को राजनीति का शिकार होने के कारण व अपने मुद्दों से भटकने के कारण तंग आकर 23 मार्च ,2010 को आत्महत्या कर ली

नक्सली सैनिक कोन होते हैं -
भूमि अधिग्रहण को लेकर एक आदोंलन छिङा जो आज एक आतंकवाद का रूप ले चुका है चलिए देखते हैं नक्सली संगठन सैनिक कहा से लाते हैं
ये नक्सली सगंठन नए युवाओं को अपने सगंठन मे लाने के लिए कई तरीक़े अपनाते हैं इनमें से एक प्रमुख तरीका है किसी 'क्रांतिकारी व्यक्ति' कि विचारधारा का नाम लेकर या उसके व्यक्तित्व को लेकर बार बार चर्चा करना ,भर्ती में शामिल लोगों मे से ज्यादातर नौजवान और पढा़ने वाले बच्चे होते हैं
नक्सली संगठन अपनी आय के कई सारे हथकंडे अपना रखे हैं इनका सबसे बङा आय का जरिया खनन उद्योग है ये अपने प्रभावी इलाके में सभी खनन कम्पनियों से उनके लाभ का  6 % हिस्सा वसुलते हैं और कम्पनी मालिक डर के मारे बिना नोकझोंक किए वसुली दे देते हैं ,और नक्सली संगठन मादक पदार्थों का भी व्यापार करते हैं

नक्सली हमलों की वजह -
जब भी नक्सली हमले होते हैं वो पहले से रणनीति तौर पर तैयार किए जाते है फिर अचानक हमला करते हैं
ये हमला करने से पहले गांव वालो को अपनी तरफ कर लेते हैं
ये नक्सली संगठन भारत मे 8 राज्यों के 60 जिलों मे फैले हुए हैं ये सगंठन ज्यादातर जगंली इलाकों में रहते हैं
सबसे बड़ी वजह है वहां की राज्य सरकारे जो कभी इनको गंभीरता से नहीं लेती है
दुसरे सबसे बड़ी वजह है भष्ट्राचार जिससे बहुत बङी मे भष्ट्राचार होता है तब ये हमले करते हैं क्योंकि सरकार की योजनाओं का लाभ प्रभावित इलाकों को नहीं मिलता

भारत में कई सालों से ये हमले हो रहे सरकारें कोई ठोस कदम नहीं उठाती हैं
3 अप्रैल 2021 को देश का सबसे बड़ा नक्सली हमला हुआ ये हमला छत्तीसगढ़ के बीजापुर इलाके में हुआ यहां 22 जवान शहीद होने की पुष्टि हुई, 31 जवान घायल हुए और 15 नक्सली मारे गए
इस हमला राकेट लान्चर और  LMG से किया हुआ हमला था
भारत में नक्सली हमलों की तादाद बढ़ती जा रही है इस पर केंद्र व राज्य सरकार को मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे
आखिर कब तक हमारे जवान शहादत देते रहेंगे

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