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जब एक गाय के आगे से कोरोना मरीज को लेकर गए तो गाय की रिएक्शन देखिए ,

आज वर्तमान में पृथ्वी बहुत सकंट मे नजर आ रही है इस धरती पर हर मनुष्य डरा हुआ हैं क्या पता कब जान चली जाए ,धरती पर मनुष्य के अलावा लाखों जीव हैं जिसमें मनुष्य को सबसे बुद्धिमान जीव माना जाता है और यही मनुष्य पृथ्वी पर सकंट का जिम्मेदार हैं 

   अब धरती कोरोना महामारी से जूझ रही हैं दुनिया में बाकी जीवों को भी पता नहीं है कि हमारा निवास स्थान घोर सकंट मे हैं जहां मनुष्य घर में कैद में हो गया है, अस्पताल में जगह नहीं है ,शुद्ध हवा नहीं मिल रही है ,आक्सीजन बिकने लग रही हैं ,प्राकृतिक संसाधनों की कालाबाजारी हो रही हैं ,कोरोना मरीजों को आक्सीजन नहीं मिल रही हैं 

महादेव हास्पिटल, बाङमेर 


इसी बीच प्रकृति का बेजुबान जीव एक अस्पताल के सामने बङी चैन से खङा हैं  इसे बेजुबान तो नहीं कह सकते पर ये बोलते हैं मनुष्य के समझ से परे हैं ,इस जीव को धरती पर मनुष्य ने गाय नाम से पुकारा हैं इनको भारत में हिन्दू धर्म ने माता का दर्जा दे रखा हैं  परंतु ये जिस स्थान और कहा खङी हैं ये इसको खुद को पता नहीं है ये मनुष्य को आते जाते देख रही हैं तो समझती तो होगी कि अब हमारा निवास स्थान घोर सकंट मे हैं आप इनके शरीर के हावभाव से समझ सकते हो कि ये किस चीज की कामना कर रही हैं मेरे हिसाब से तो यही कामना कर रही हैं पृथ्वी पर सबसे बुद्धिमान जीव यानी मनुष्य सुरक्षित रहे पर हम लोग नहीं समझ रहे हैं 


          ये जहां खङी हैं इसके आसपास कई सारे हास्पिटल ,मेडिकल हैं जहां से ये मैने फोटो लिया है तब मैं हास्पिटल के गेट पर खङा था इसके चारों लाखों वायरस, बैक्टीरिया घुम रहे है जब मैं हास्पिटल के आगे खङा था जब एक गाङी   मरीज को लेकर आई तब हास्पिटल मे बैड नहीं थे उस मरीज को गाय के आगे से ले जाकर सामने दुकान कि सीढियों पर लेटाया फिर एक नर्सिंग स्टाफ आया कुछ उपकरण लेकर तब इस गाय को पता चल गया होगा कि प्रकृति पर कुछ गलत हो रहा है  पर गाय को पता है हमें कुछ नहीं होगा क्योंकि प्रकृति उसी के साथ छेड़छाड़ करती हैं जिसनें प्रकृति के साथ छेड़छाड़ की है इसलिए आप भी इन्हीं जीवों की तरह चैन से प्रकृति का आनंद लेना चाहते हो पहले इनकी तरह जीना सीखों ,प्रकृति के साथ छेड़छाड़ मत करो 

                  आज प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का नतीजा ये हुआ कि प्रकृति ने सबको घर पर बिठा दिया और ये जीव खुले में घुम रहे हैं आनंद ले रहे हैं शायद ये गाय भी घुमती हुई इंसानों के गलत काम के नतीजे का दौरा करने आई होगी और बङे चैन से लोगों की अर्थी उठते देख रही होगी तो मनुष्य के ही काले कारनामों का नतीजा है 

             आपने कभी सोचा मनुष्य के अलावा भी पृथ्वी पर जो जीव है उन पर भी सकंट आने वाला है कोरोना महामारी ने मनुष्य की जङ हिला रखी है पर सभी जीव जन्तु सुरक्षित है इन पर कोरोना का अटैक नहीं है अभी भी टाइम है प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करना छोङ दो वरना इस धरती पर केवल मनुष्य के अलावा सब जीव होगे पर बुद्धिमान जीव मनुष्य नहीं होगा 

             इस महामारी से घबराइए मत ,सामना करिए ,अपने आप से वादा करिए कभी भी प्रकृति के साथ छेड़छाड़ नहीं करूंगा ,ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाऊंगा उससे आक्सीजन भी मिलेगी, जीवों के  रहने का आशियाना भी होगा और प्रकृति भी बचेगी अब जो सकंट चल रहा है उसका अंत जरूर होगा 

                 इसलिए इस सकंट काल मे सकारात्मक रहिए ,ये सकंट जाने के बाद प्रकृति के लिए कुछ किजिए इस प्रकृति आधारित लेख के बारे मे कोई राय हैं तो कमेंट जरूर करे                                 

                

                                                  गोविंद जाणी 

             

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3 टिप्पणियाँ

HARI Beniwal ने कहा…
सही बात है भाई गोविंद जी यदि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में इस मनुष्य जाति का शायद धरती पर नामोनिशान मिट जाएगा
जो आपने बात लिखी बिल्कुल सत्यता पर आधारित है प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का ही नतीजा उनको भुगतना पड़ रहा है बाकी चाहे कोई भी बीमारी हो तो ऑक्सीजन तक की नौबत नहीं आती अब ऑक्सीजन की कमी है तो इसका मूल कारण मनुष्य जाति ही है इतना प्रदूषण इतना वन ह्रास पेड़ों की कटाई और प्राकृतिक संसाधनों का अनुपयोग ने यह संकेत दिखा दिया है आने वाले समय में स्थिति और भी भयानक हो जाएगी और यह बढ़ती जनसंख्या इसको भी नियंत्रण करने के लिए जरूर कुछ ना कुछ होना चाहिए कुछ ना प्रयास करने चाहिए

बाकी प्रकृति संरक्षण के लिए हमें और सरकार को मिलकर एक अच्छी पहल चलानी है चाहिए


सराहनीय लेख भाई गोविंद
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