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सरकार की कोचिंग स्टूडेंट्स पर नजर: क्लास बंक करने पर अभिभावकों के पास जायेगा मैसेज

 देशभर में कोचिंग क्षेत्र के रूप में विख्यात कोटा शहर में सबसे ज्यादा मेडिकल और इंजीनियरिंग आदि  प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों का ऑनलाइन डाटा तैयार किया जाएगा।



प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत:-

स्टूडेंट का डाटा तैयार करने का काम राजकॉम्प इंफो सर्विसेज लिमि. RISL द्वारा किया जाएगा, प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब 68 लाख रुपये है। 


वर्तमान में कोटा शहर में लगभग 50 छोटे और 10 बडे़ कोचिंग संस्थान है, जहां लगभग 2 लाख विद्यार्थी इंजीनियरिंग, मेडिकल आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं,

राजस्थान सरकार के सीएम अशोक गहलोत  के इस फैसले के बाद कोटा शहर में कोचिंग कर रहे लगभग 2 लाख छात्रों का डेटाबेस बनाया जाएगा, इसी तरह के स्टूडेंट रजिस्टर प्रदेश के कोचिंग संस्थानों वाले अन्य शहरों के लिए भी डाटा तैयार किए जाएंगे,ताकि राज्य सरकार के पास प्रदेश में रह रहे इन प्रवासियों की सही संख्या और व्यक्तिगत विवरण का रिकॉर्ड उपलब्ध हो। विद्यार्थियों का डेटाबेस होने पर कोविड जैसे हालात में बाहर के विद्यार्थियों के लिए व्यवस्थाएँ करने में आसानी होगी।


विद्यार्थी रजिस्टर का फायदा:-

स्टूडेंट्स डाटा विवरण का उपयोग अभिभावकों को विद्यार्थियों के क्लास शेड्यूल, कोचिंग संस्थान में उनकी उपस्थिति और अनुपस्थिति के बारे में सूचित कर सके, कोचिंग से बारे इसकी सूचना मिल सके। विशेष परिस्थितियों में डेटाबेस में दर्ज फोन नंबर पर जरूरी जानकारी भेजी जा सके।

वेबसाइट पोर्टल व मोबाइल एप:-

विद्यार्थियों के लिए वेब पोर्टल और मोबाईल ऐप तैयार कर सके ताकी हर प्रकार की शिकायतों को दर्ज करने और इनके हल करने की सुविधा दी जाएगी।

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