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बाङमेर के सरकारी स्कूल और गरीबी मे पढ़कर बने डाक्टर ,अब सपना है जिले के हर गांव से डाक्टर निकालने का ,जानिए कोन हैं वो

देश के थार मरुस्थल मे स्थित जिला बाङमेर जहां मानसूनी बरसात भी समय पर नहीं होती हैं वह हर चीज मे वंचित क्षेत्र रहा है क्योंकि यहां ग्रामीण इलाका सबसे ज्यादा है और यहां साक्षरता दर भी कम रही हैं इसलिए यहां हम आधुनिक युग की शिक्षा के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं यहां पर लोगों की फाइनेंशियल इनकम कम होने पर शहरी क्षेत्रों के स्कूलों, कालेजों ,कोचिंग संस्थानों मे जाने से पीछे रह जाते हैं यहां गांवो के सरकारी स्कूलों में मुलभुत सुविधाओं व तकनीकी संसाधन उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां का विधार्थी डाक्टर, इजीनियर बनने का सोच भी नहीं सकते है

"शिक्षा की जङ कङवी हैं पर उसके फल मीठे हैं "

आज इस आधुनिक दुनिया में कोई डाक्टर ऐसा करने को सोच भी नहीं सकते वो केवल अपनी लग्जरी लाईफ जीना चाहते हैं इसी बीच कोई ऐसी कहानी निकल आती हैं जो एक मिसाल पेश करती हैं 

यह सफल कहानी है बाङमेर निवासी डा.भरत सारण कि ,जो खुद सरकारी स्कूलों में पढ़ें, तकनीकी संसाधनों के बावजूद हिम्मत नहीं हारी खुद डाक्टर बनें फिर उनका सपना था जिले के हर गांव से डाक्टर निकले ,वो सपना अब वो खुद एक संस्था बनाकर पूरा कर रहे हैं जिसमें वो गांव के हर वर्ग के बच्चों को फ्री शिक्षा, रहने की सुविधा देते हैं
डा. भरत चौधरी कहते हैं"मैं खुद ग्रामीण परिवेश में पला बढा ,सरकारी स्कूलों में पढा़ई कि हैं वो चाहते हैं गरीब तबके के विधार्थी को सरकारी स्कूल में अच्छी शिक्षा मिले ये खुद कभी कभी सरकारी स्कूलों में जाते है बच्चों को मोटीवेट के साथ साथ पढाते भी है और अपने साथियों से अपील करते हैं
डा. भरत सारण ने बाङमेर जिले में मेडिकल साइंस के क्षेत्र को एक शिक्षा क्रांति का रूप दिया



आइए जानते हैं इनकी संस्था के बारे में - डा. भरत सारण और उनके साथियों ने मिलकर एक संस्था खोली जिसका नाम रखा फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान बाङमेर (50 villagers )  , इस संस्था मे विधार्थी बाङमेर निवासी होना जरूरी है ,गांव के गरीब तबके का विधार्थी जो  दसवीं प्रथम श्रेणी से सरकारी स्कूल से पास कि हो वो ही इसमें दाखिल हो सकता है
इसमें दाखिल होने के लिए प्रवेश परीक्षा कराई जाती है प्रवेश परीक्षा के आधार पर मेरिट बनती है फिर इनको प्रवेश दिया जाता है इन विधार्थियों के पास से कुछ नहीं लिया जाता है इन सबका खर्चा ये सेवा संस्थान देती हैं
इस फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान में केवल मेडिकल विधार्थियों को ही पढाई कराई जाती है जिसमें नीट,MBBS , इन सभी क्षेत्रों में पढाया जाता है समय समय पर कई डाक्टर साथी आते हैं संस्थान के विधार्थियों को मोटिवेट करते हैं डा. भरत सारण खुद बच्चों को कोचिग करवाते हैं बच्चों की देखरेख भी खुद करते हैं



संस्थान के होनहार विधार्थियों का बङी परीक्षाओं में चयन - फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान ने पिछले कुछ सालों में कई  होनहार विधार्थी दिए जिनका चयन देश के टाप मेडिकल परीक्षाओं में हुआ है  ये सब विधार्थी गांव के गरीब परिवारों से आते हैं जिनका चयन एम्स एमबीबीएस, एमबीबीएस ,नीट,आर्युवेद कालेज, टीचर जैसी परीक्षाओं में चयन हुआ है

वो कहते है ना  “लोग जन्म से महान नहीं होते हैं, वे अपने सपने के कारण महान हो जाते हैं, उन्हें सशक्त बनाने के लिए कार्रवाई और काम करते हैं

हम आशा करते हैं आप ऐसे ही सोशल वर्क करते रहे जिले के गरीब परिवारो के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढाते रहे हैं

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