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इतना बड़ा जहाज एक नहर में कैसे फंस गया ,दुनिया को हुआ हजारों अरब डालर का नुकसान, जानिए

 पिछले दिनों एक जहाज पूरी दुनिया मे  व्यापार के लिए रोङा बना हुआ था हुआ यु कि स्वेज नहर में एक एवर गिवन नाम जहाज फंस गया ,फंसा ऐसे कि नहर में दोनों तरफ से आवागमन बंद हो गया, आइए देखते हैं स्वेज नहर में जहाज कैसे फंसा 

बता दें कि ये 'एवर गिवन ' नामक जहाज चाइना से माल भरने के बाद नीदरलैंड के पोर्ट राटरडैम के लिए रवाना हुआ था .इस जहाज में पेट्रोलियम उत्पाद से लेकर खाने पीने की चीजें भरी हुई थी इस जहाज को स्वेज नहर से जाना इस कारण महत्वपूर्ण है कि ये  सात हजार किलोमीटर की दूरी केवल तीन सौ किलोमीटर मे कवर करता है स्वेज नहर के जरिए समय और पैसों की बचत होती है .यही कारण है कि स्वेज नहर के मार्ग को सबसे व्यस्त जलमार्ग कहते हैं

फंसने का कारण-
'एवर गिवन ' नामक जहाज स्वेज नहर के रास्ते से नीदरलैंड जा रहा था ये जहाज 400 मीटर लम्बी हैं बल्कि स्वेज नहर कि चौङाई भी चार सौ मीटर हैं ये इतना बड़ा जहाज हैं कि इसमें बीस हजार कार्गो के कंटेनर भर सकते हैं इस जहाज कि आनर कम्पनी जापान की है और इसमें 25 सदस्य हैं वो सारे ही सदस्य भारतीय हैं
जहाज के फंसने का कारण बताया जा रहा हैं तेज हवाएं उस समय तेज हवाओं से जहाज का सतुलन बिगड़ गया क्योंकि जहाज के ऊपर काफी ऊचाई तक कंटेनर भरे थे तेज हवा के कारण जहाज का अगला भाग नहर के एक किनारे पर मिट्टी में धँस गया और दूसरा भाग धीरे धीरे नहर कि चौङाई के समातर आ गया और नहर पूरी तरह से ब्लॉक हो गई इसी एक घटना के कारण पीछे आने वाली हजारों जहाज का ब्लॉक हो गया
इस जहाज को निकालने के लिए एक विशेषज्ञ टीम (SMIT )  ने 13 टगबोट का इंतजाम किया ये टगबोट बङी जहाज को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करती है
इसके अलावा इनकी टीम ने ड्रेजर का भी सहारा लिया ये ड्रेजर के सहारे जहाज के आगे सिरो के नीचें से मिट्टी खोदने का काम करती है फिर इस प्रयास से जहाज निकलने का नाम नहीं ले रही थी
रिपोर्ट के अनुसार इस पर लदा सामान को निकालने की बात कर रहे थे ताकि जहाज के वजन को कम किया जाए ऐसी नौबत आई नहीं ,क्योंकि तेज हवाओं के कारण धीरे धीरे जहाज के पिछले हिस्से को निकाल लिया गया लेकिन बचाव दल को पूर्णिमा और ज्वार भाटा का फायदा उठाते हुए इस जहाज को निकालने में रामबाण साबित हुआ
ये जहाज एक हफ्ते तक फंसा रहा, इससे जहाज के शैड्यूल मे काफी दिक्कत हुई क्योंकि पूरी दुनिया में होने वाले जहाज से कारोबार का  12 प्रतिशत इसी नहर से होता है
रिपोर्ट के अनुसार ,इस नहर से रोज लगभग 50 जहाज गुजरते हैं जिन पर 70 हजार करोड़ तक का माल होता है

स्वेज नहर-
स्वेज नहर मिस्र मे भुमध्य सागर और लाल सागर में मध्य स्थित कृत्रिम समुद्र जल मार्ग है यह नहर एशिया को अफ्रीका को विभाजित करती है नहर का निर्माण तुर्क साम्राज्य के अधीन सन् 1859 से 1869 के मध्य हुआ था यह वर्तमान में मिस्र देश के नियंत्रण में है इस पर नहर चुंगी कर बहुत अधिक है इसकी लबांई 193 किलोमीटर हैं

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