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2050 तक धरती से पानी खत्म हो जाएगा, जानिए विश्व जल दिवस कि खास रिपोर्ट

जीवन जीने के लिए पंचतत्वों को आधार माना गया है उनमें से एक तत्व पानी भी है जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं कि जा सकती,अगर जल ही ना होगा तो प्रकृति का निर्माण भी नहीं होगा 



जल का महत्व हम इस बात से समझ सकते हैं दुनिया की बङी बङी सभ्यताएं भी नदियों के किनारे पर बसी थी जैसे सिन्धु सभ्यता सिन्धु नदी के तट पर बसी थी

आज विकास ओर तकनीकी कि अंधाधुंध दौड़ में हम प्राकृतिक संसाधनों का कोई मौल नहीं रख पाते हैं आज विकास की विलासिता कि दौड़ में दुनिया की आधी आबादी को पीने का स्वच्छ पानी भी नहीं मिलता, दुनिया के कई शहर ओर गांवों में पानी का लेवल जीरो पहुंच गया है ,यदि हम जल को बचाने के लिए जल प्रबंधन नहीं करेंगे तो आने वाली पीढियों के लिए खतरा बन सकता हैं

जिस रफ्तार से जगंल खत्म हो रहे हैं उसकि दौगुना रफ्तार से जल के स्त्रोत सूख रहे है एक रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक भारत की 40 फीसदी जनसंख्या जल संकट की शिकार हो सकती हैं
दुनिया भर में बढती जनसंख्या, बढता प्रदूषण, औद्योगिकरण कि वजह से पानी की स्थिति बेहद नाजुक हैं

जल सकंट के कारण -
अकुशल खेती- उदाहरण के तौर पर भारत में चावल की खेती के लिए 1 kg चावल की खेती के लिए 3500 लीटर पानी की आवश्यकता होती है यदि हम वैज्ञानिक पद्दति से खेती करते हैं तो पानी इससे आधा लगेगा इसलिए सरकारों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लोगों को जागरूक करना चाहिए
पेड़ो कि कटाई- लगातार हो रही जगलों कि कटाई से वर्षा प्रभावित होती है वर्षा कम होगी तो सीधी बात है जल संकट तो होगा ही
बढती जनसंख्या- बात करते हैं भारत की तो हमारे पास जो जमीन, पहाड़, नदियां, आसमान का टुकड़ा हैं वो इन  130 करोड़ लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है
जल संकट के ओर भी कई कारण है गंदे नालों में स्वच्छ पानी बहना ,वर्षा जल का सरक्षण न करना, औद्योगो मे फालतू पानी बहना, घरों में भी अनावश्यक रूप से पानी बहना, थोड़ा थोड़ा करके भी पानी का अनावश्यक रूप, वो कहते है ना बूंद बूंद से घङा भरता है

WWF कि एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 100 शहरों मे 2050 तक जल संकट चरम तक पहुंच जाएगा भारत में भी 30 शहरों मे जल संकट का खतरा बढ़ रहा है गर्मियों के दिनों में कई शहरों में पानी दुसरे शहरों से मगवाना पङता हैं

विश्व जल दिवस-
ये दिन 22 मार्च को हर वर्ष मनाया जाता हैं इस दिन की शुरुआत ब्राजील के रियो डी जेनेरियो मे वर्ष 1992 मे आयोजित पर्यावरण और विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विश्व जल दिवस मनाने की पहल हुई इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों के बीच जल संरक्षण का महत्व बताना
2021 कि थीम'वेल्युइग वाटर ' रखी गई है

आगे की राह -
सरकारें और जनता आपस में मिलकर इस मुहिम को आगे बढाना होगा नहीं तो सरकारें योजना बनाती रहेगी कुछ नहीं होगा ,यदि आप और हम सभी मिलकर पानी बचाएंगे तो हरा भरा ग्रह पृथ्वी बचेगा पृथ्वी बचेगी तो आने वाली पीढियां बचेगी नहीं तो आने वाली पीढियां बोलेगी हमारे पूर्वजों ने हमारे लिए पीने का पानी भी नहीं छोड़ा
                         "जल ही जीवन हैं "

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